राकेश मोबाइल सेन्टर के दुआरा मोबाइल रिपेयरिंग करना सखे हिंदी में
मोबाइल फ़ोन या मोबाइल (इसे सेलफोन और हाथफोन भी बुलाया जाता है,[1] या सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन, सेलुलर टेलीफोन, मोबाइल टेलीफोन या सेल टेलीफोन) एक लंबी दूरी का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे विशेष बेस स्टेशनों के एक नेटवर्क के आधार पर मोबाइल आवाज या डेटा संचार के लिए उपयोग करते हैं इन्हें सेल साइटों के रूप में जाना जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन, के मानक आवाज कार्य के अलावा वर्तमान मोबाइल फोन कई अतिरिक्त सेवाओं और उपसाधन का समर्थन कर सकते हैं, जैसे की पाठ संदेश के लिए SMS, ईमेल, इंटरनेट के उपयोग के लिए पैकेट स्विचिंग, गेमिंग, ब्लूटूथ, इन्फ़रा रेड, वीडियो रिकॉर्डर के साथ कैमरे और तस्वीरें और वीडियो भेजने और प्राप्त करने के लिए MMS, MP3 प्लेयर, रेडियो और GPS. अधिकांश वर्तमान मोबाइल फोन, बेस स्टेशनों (सेल साइटों) के एक सेलुलर नेटवर्क से जुड़ते हैं, जो बदले में सार्वजनिक टेलीफोन स्विचित नेटवर्क (PSTN) से जुड़ता है (सॅटॅलाइट फोन इसका अपवाद है)। नोकिया ९००० कम्यूनिकेटर पहला स्मार्टफोन था जो १९९६ में आया,१९८३ में, मोटोरोला ड्य्नाTAC, संयुक्त राज्य अमेरिका में FCC के द्वारा अनुमोदित पहला मोबाइल फोन था।
१९४५ में, मोबाइल टेलीफोन की शून्य पीढ़ी (0G) शुरू की गई थी।
१९७९ में, NTT द्वारा जापान में पूरे शहर में पहला वाणिज्यिक सेलुलर नेटवर्क शुरू किया गया था। पूरी तरह से स्वचालित सेलुलर नेटवर्क को पलही बार १९८० के दशक के शुरू से मध्य तक (१G पीढ़ी) शुरू किया गया था। १९८१ में नॉर्डिक मोबाइल टेलीफोन (NMT) प्रणाली डेनमार्क, फिनलैंड, नार्वे और स्वीडन में शुरू हुई थी।
डिजिटल २G (दूसरी पीढ़ी) सेलुलर प्रौद्योगिकी पर पहला "आधुनिक" नेटवर्क प्रौद्योगिकी १९९१ में फिनलैंड में रेडियोलिंजा (अब एलिसा समूह का हिस्सा है) द्वारा शुरू की गई थी GSM मानक पर जिसने मोबाइल दूरसंचार में प्रतियोगिता की शुरूआत को चिह्नित किया जब रेडियोलिंजा ने अवलंबी दूरसंचार फिनलैंड (अब टेलियासोनेरा का हिस्सा है) को चुनौती दी जो एक १G NMT नेटवर्क चला रहे थे।
सन २००१ में ३G३G (तीसरी पीढ़ी) की पहली वाणिज्यिक शुरुआत फिर से जापान में NTT डोकोमो के द्वारा WCDMA मानक में की गई थी।
मोबाइल फ़ोन रिपेयरिंग करना विल्कुल आसान है मोबाइल फ़ोन कोई भी कम्पनी का हो जैसे की नोकिआ,सैमसंग,सोनी ,या फिर चाइना मोबाइल हो! मुख्य दो प्रकार के फॉल्ट आते है १ software २ hardware ,मोबाइल फोन में कोई भी फॉल्ट आने पर सब से पहले हम मोबाइल के software पर ध्यान देंगे ,software पर ध्यान देंगे का मतलब ये होता है जैसे की कोई भी मोबाइल में रिंगटोन की समस्या आने पर पहले मोबाइल के सेटिंग को चेक करेंगे जैसे की कोई भी मोबाइल में रिंगटोन नही बज रहा है तो सब से पहले हम मोबाइल के सेटिंग- प्रोफ़ाइल -वोलुम को चेक गे ,वोलुम कम हो तो उसे फुल कर देंगे फिर प्रोफ़ाइल साइलेंट (silent )होने पर उसे जेनरल (general)कर देंगे ,ये सब ठीक होने के बाद फिर भी टोन नही बजे तो वह hardware प्रोबलम होता हे ,hardware प्रोबलम होने पर हम मोबाइल को खोले गए फिर स्पीकर को चेक करेंगे खराब होने पर उसे बदल देंगे ,नही ख़राब हे तो ट्रैक(कनेकशन ) चेक करेंगे ट्रैक टुट हो तो उसे जम्पेर करेंगे फिर रिंगर ic को बदलेंगे फिर भी ठीक नही होने पर cpu को पेस्ट लगा कर re-hotकरे या बदलने लाइक हो तो बदले इस प्रक्रिया के बाद मोबाइल ठिक हो जाना जाहिए ये प्रक्रिया मोबाइल के लिए नही है ये एक उदारण है इस तरह ,इसी तरह हम मोबाइल में होने बलि प्रॉब्लम light ,mic,network charging ,mic ,spekar ,lcd dead mobile आदि को बिस्तए पुर्बक आगे बतायगे
software प्रॉब्लम होने पर हम कंप्यूटर में बॉक्स जोड़ कर जैसे की ufs, atf, box की सहायता से हम ठीक कर सकते है software प्रॉब्लम क्या होता है इसे कइसे पहचने आदि को बिस्तए पुर्बक आगे बतायगे
hardware प्रॉब्लम होने पर हम मोबाइल को खोल कर ठीक करते है hardware प्रॉब्लम क्या होता है इसे कइसे पहचने आदि को बिस्तए पुर्बक आगे बतायगे
अगर आप मोबाइल फोन में किसी फॉल्ट को सही कर रहे है लेकिन आपको उस फॉल्ट से समबन्धित विभग के पूर्जो की जानकरी नही है तो उसे फॉल्ट को सही करने में व उस फॉल्ट को समझने में परेसानी आयगी। इसके अलावा पोपुलर मोबाइल फ़ोन में आने वाली मुख्य फॉल्ट फाइंडिंग को ध्यान में रखकर इस पोस्ट को बनाया है
पहले tools फिर parst फिर ic की जानकारी देंगे
आये सीखे आसान सब्दो में और आसान उदहरण में मोबाइल रिपेयरिंग करना
पहले tool फिर basic electronicsफिर mobile parts फिर ic फिर mobile fault and solution
कोई भी मोबाइल को ठीक करने लिए tools की आबसयकता प्रति है पहले हम tools जानकारी लेंगे
NEXT
मोबाइल फ़ोन या मोबाइल (इसे सेलफोन और हाथफोन भी बुलाया जाता है,[1] या सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन, सेलुलर टेलीफोन, मोबाइल टेलीफोन या सेल टेलीफोन) एक लंबी दूरी का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे विशेष बेस स्टेशनों के एक नेटवर्क के आधार पर मोबाइल आवाज या डेटा संचार के लिए उपयोग करते हैं इन्हें सेल साइटों के रूप में जाना जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन, के मानक आवाज कार्य के अलावा वर्तमान मोबाइल फोन कई अतिरिक्त सेवाओं और उपसाधन का समर्थन कर सकते हैं, जैसे की पाठ संदेश के लिए SMS, ईमेल, इंटरनेट के उपयोग के लिए पैकेट स्विचिंग, गेमिंग, ब्लूटूथ, इन्फ़रा रेड, वीडियो रिकॉर्डर के साथ कैमरे और तस्वीरें और वीडियो भेजने और प्राप्त करने के लिए MMS, MP3 प्लेयर, रेडियो और GPS. अधिकांश वर्तमान मोबाइल फोन, बेस स्टेशनों (सेल साइटों) के एक सेलुलर नेटवर्क से जुड़ते हैं, जो बदले में सार्वजनिक टेलीफोन स्विचित नेटवर्क (PSTN) से जुड़ता है (सॅटॅलाइट फोन इसका अपवाद है)। नोकिया ९००० कम्यूनिकेटर पहला स्मार्टफोन था जो १९९६ में आया,१९८३ में, मोटोरोला ड्य्नाTAC, संयुक्त राज्य अमेरिका में FCC के द्वारा अनुमोदित पहला मोबाइल फोन था।
१९४५ में, मोबाइल टेलीफोन की शून्य पीढ़ी (0G) शुरू की गई थी।
१९७९ में, NTT द्वारा जापान में पूरे शहर में पहला वाणिज्यिक सेलुलर नेटवर्क शुरू किया गया था। पूरी तरह से स्वचालित सेलुलर नेटवर्क को पलही बार १९८० के दशक के शुरू से मध्य तक (१G पीढ़ी) शुरू किया गया था। १९८१ में नॉर्डिक मोबाइल टेलीफोन (NMT) प्रणाली डेनमार्क, फिनलैंड, नार्वे और स्वीडन में शुरू हुई थी।
डिजिटल २G (दूसरी पीढ़ी) सेलुलर प्रौद्योगिकी पर पहला "आधुनिक" नेटवर्क प्रौद्योगिकी १९९१ में फिनलैंड में रेडियोलिंजा (अब एलिसा समूह का हिस्सा है) द्वारा शुरू की गई थी GSM मानक पर जिसने मोबाइल दूरसंचार में प्रतियोगिता की शुरूआत को चिह्नित किया जब रेडियोलिंजा ने अवलंबी दूरसंचार फिनलैंड (अब टेलियासोनेरा का हिस्सा है) को चुनौती दी जो एक १G NMT नेटवर्क चला रहे थे।
सन २००१ में ३G३G (तीसरी पीढ़ी) की पहली वाणिज्यिक शुरुआत फिर से जापान में NTT डोकोमो के द्वारा WCDMA मानक में की गई थी।
मोबाइल फ़ोन रिपेयरिंग करना विल्कुल आसान है मोबाइल फ़ोन कोई भी कम्पनी का हो जैसे की नोकिआ,सैमसंग,सोनी ,या फिर चाइना मोबाइल हो! मुख्य दो प्रकार के फॉल्ट आते है १ software २ hardware ,मोबाइल फोन में कोई भी फॉल्ट आने पर सब से पहले हम मोबाइल के software पर ध्यान देंगे ,software पर ध्यान देंगे का मतलब ये होता है जैसे की कोई भी मोबाइल में रिंगटोन की समस्या आने पर पहले मोबाइल के सेटिंग को चेक करेंगे जैसे की कोई भी मोबाइल में रिंगटोन नही बज रहा है तो सब से पहले हम मोबाइल के सेटिंग- प्रोफ़ाइल -वोलुम को चेक गे ,वोलुम कम हो तो उसे फुल कर देंगे फिर प्रोफ़ाइल साइलेंट (silent )होने पर उसे जेनरल (general)कर देंगे ,ये सब ठीक होने के बाद फिर भी टोन नही बजे तो वह hardware प्रोबलम होता हे ,hardware प्रोबलम होने पर हम मोबाइल को खोले गए फिर स्पीकर को चेक करेंगे खराब होने पर उसे बदल देंगे ,नही ख़राब हे तो ट्रैक(कनेकशन ) चेक करेंगे ट्रैक टुट हो तो उसे जम्पेर करेंगे फिर रिंगर ic को बदलेंगे फिर भी ठीक नही होने पर cpu को पेस्ट लगा कर re-hotकरे या बदलने लाइक हो तो बदले इस प्रक्रिया के बाद मोबाइल ठिक हो जाना जाहिए ये प्रक्रिया मोबाइल के लिए नही है ये एक उदारण है इस तरह ,इसी तरह हम मोबाइल में होने बलि प्रॉब्लम light ,mic,network charging ,mic ,spekar ,lcd dead mobile आदि को बिस्तए पुर्बक आगे बतायगे
software प्रॉब्लम होने पर हम कंप्यूटर में बॉक्स जोड़ कर जैसे की ufs, atf, box की सहायता से हम ठीक कर सकते है software प्रॉब्लम क्या होता है इसे कइसे पहचने आदि को बिस्तए पुर्बक आगे बतायगे
hardware प्रॉब्लम होने पर हम मोबाइल को खोल कर ठीक करते है hardware प्रॉब्लम क्या होता है इसे कइसे पहचने आदि को बिस्तए पुर्बक आगे बतायगे
अगर आप मोबाइल फोन में किसी फॉल्ट को सही कर रहे है लेकिन आपको उस फॉल्ट से समबन्धित विभग के पूर्जो की जानकरी नही है तो उसे फॉल्ट को सही करने में व उस फॉल्ट को समझने में परेसानी आयगी। इसके अलावा पोपुलर मोबाइल फ़ोन में आने वाली मुख्य फॉल्ट फाइंडिंग को ध्यान में रखकर इस पोस्ट को बनाया है
पहले tools फिर parst फिर ic की जानकारी देंगे
आये सीखे आसान सब्दो में और आसान उदहरण में मोबाइल रिपेयरिंग करना
पहले tool फिर basic electronicsफिर mobile parts फिर ic फिर mobile fault and solution
कोई भी मोबाइल को ठीक करने लिए tools की आबसयकता प्रति है पहले हम tools जानकारी लेंगे
TOOLS, mobile parts, basic electronics, ic,
mobile fault and solutionNEXT
Good and informative blog about mobile repairing course.
ReplyDelete